यमुना नदी में भारी मात्रा में पानी की बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से दिल्ली सरकार ने बाढ़ को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि बीते सोमवार की रात को यमुना नदी के खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गई है और पुराने रेलवे ब्रिज पर जल का स्तर बढ़कर 206.04 मिली मीटर हो गया है जिससे रेल यातायात को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों लोगो को भी बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि वह अपने घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और उनके फसल भी बर्बाद हो गए हैं और उनके पशुओं को भी चारा नहीं मिल पा रहा है इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग धीरे-धीरे सड़कों पर शिफ्ट होना शुरू कर दिया है।
बाढ़ की इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार और उत्तर रेलवे ने स्थिति से निपटने के लिए कई ठोस कदम उठाएं, जैसे कि लोगों को राहत शिविर में लाने का काम किया और 50 से भी अधिक मोटर नौकाओं की व्यवस्था की ताकि जितने भी लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं उनको बाहर निकाला जाए।
हालांकि मैं आपको बता दूं कि यमुना के जल स्तर में वृद्धि हरियाणा से छोड़े गए पानी के वजह से हुआ था जिसके कारण ही दिल्ली शहर में लगभग 13 से भी अधिक स्थानों पर जलभराव हो गया है, इस तरह की स्थिति इससे पहले 1978, 2013 और 2019 में भी हुई थी जब यमुना उच्च स्तर पर पहुंच गई थी लेकिन तब भी दिल्ली में बाढ़ नहीं आई थी।